पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक (Powerlifting Paralympics) एक ऐसा खेल है जिसमें एथलीट अपनी शारीरिक क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। यह खेल विशेष रूप से उन खिलाड़ियों के लिए है जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं। पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक में, प्रतियोगिता बेंच प्रेस के रूप में होती है, जिसमें एथलीट अपने शरीर के ऊपरी हिस्से की ताकत का परीक्षण करते हैं।
पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक की शुरुआत 1984 में हुई थी, और यह खेल तब से पैरालंपिक खेलों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। 1984 में स्टोक मैंडेविल और न्यूयॉर्क में आयोजित पैरालंपिक खेलों में पावरलिफ्टिंग को शामिल किया गया था, जिससे यह खेल विशेष रूप से शारीरिक रूप से अक्षम एथलीटों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धा बन गया।
इस खेल की लोकप्रियता और महत्व को देखते हुए, पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक ने कई एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है और यह खेल अब हर पैरालंपिक में एक प्रमुख स्थान रखता है।
पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक खेल से जुड़े टॉप 10 फैक्ट्स !
1. इतिहास में शुरुआत: पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक खेलों का हिस्सा 1984 में बना, जब इसे पहले बार पैरालंपिक खेलों में शामिल किया गया। इससे पहले, 1964 में वजन उठाने का खेल शामिल था, लेकिन 1992 में पावरलिफ्टिंग ने इसे प्रतिस्थापित कर दिया।
2. एकमात्र अनुशासन: पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक में केवल एक अनुशासन होता है, जो कि बेंच प्रेस है। सभी एथलीट इसी अनुशासन में प्रतिस्पर्धा करते हैं, और उन्हें अपने वजन वर्ग के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है।
3. वजन श्रेणियाँ: पावरलिफ्टिंग में पुरुषों के लिए 10 और महिलाओं के लिए 10 वजन श्रेणियाँ होती हैं। पुरुषों के वजन वर्ग 49 किलोग्राम से लेकर 107 किलोग्राम से अधिक तक होते हैं, जबकि महिलाओं के वजन वर्ग 41 किलोग्राम से लेकर 86 किलोग्राम से अधिक तक होते हैं।
4. लिफ्टिंग प्रक्रिया: एथलीट बेंच पर लेटते हैं और वजन को अपने सीने पर लाते हैं। उन्हें इसे स्थिर रखना होता है और फिर इसे ऊपर उठाना होता है जब उनके हाथ पूरी तरह से सीधा हो जाएं। एथलीटों को तीन प्रयास दिए जाते हैं, और सबसे अधिक वजन उठाने वाला एथलीट विजेता होता है।
5. न्यायाधीशों की भूमिका: प्रतियोगिता के दौरान तीन न्यायाधीश एथलीटों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करते हैं। वे लिफ्ट की वैधता का निर्णय लेते हैं और अच्छे लिफ्ट के लिए सफेद बत्ती और खराब लिफ्ट के लिए लाल बत्ती का उपयोग करते हैं।
6. महिलाओं की भागीदारी: महिलाओं ने 2000 के सिडनी पैरालंपिक से पावरलिफ्टिंग में प्रतिस्पर्धा करना शुरू किया। इससे पहले, यह खेल केवल पुरुषों के लिए उपलब्ध था।
7. विश्व रिकॉर्ड: पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक में सबसे भारी वजन उठाने का रिकॉर्ड ईरान के सियामंद रहमान के पास है, जिन्होंने 2016 में 310 किलोग्राम का वजन उठाया था। यह रिकॉर्ड अब तक का सबसे बड़ा लिफ्ट है।
8. पदक वितरण: पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक में पदक विजेताओं को केवल उनके सर्वोत्तम लिफ्ट के लिए पुरस्कार दिया जाता था, लेकिन 2022 से कुल लिफ्ट के लिए भी पदक दिए जाने लगे हैं।
9. प्रतिस्पर्धा की उम्र: पावरलिफ्टिंग में भाग लेने के लिए एथलीटों की उम्र कम से कम 14 वर्ष होनी चाहिए। उन्हें अपने हाथों को पूरी तरह से सीधा करने की क्षमता होनी चाहिए।
10. प्रतिस्पर्धा का विकास: पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक खेलों में तेजी से बढ़ता हुआ खेल है। यह न केवल एथलीटों के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह उन्हें अपनी क्षमताओं को साबित करने का अवसर भी प्रदान करता है।
पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक का महत्व केवल पदक जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एथलीटों के लिए आत्मविश्वास और प्रेरणा का स्रोत भी है। यह खेल उन सभी के लिए एक उदाहरण है जो किसी न किसी कारण से शारीरिक रूप से अक्षम हैं, कि वे भी अपनी क्षमताओं को पहचान सकते हैं और उन्हें आगे बढ़ा सकते हैं।
पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक 2024 का कार्यक्रम पेरिस, फ्रांस में 4 से 8 सितंबर तक चल रहा है। यह प्रतियोगिता पोर्टे डे ला चापेल एरेना में आयोजित की जा रही है। पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक में कुल 20 प्रतियोगिताएँ हैं, जिसमें पुरुषों और महिलाओं के लिए समान रूप से 10-10 इवेंट शामिल हैं।
यह कार्यक्रम पावरलिफ्टिंग पैरालंपिक के एथलीटों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वे अपनी ताकत और क्षमता का प्रदर्शन कर सकते हैं।
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